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नए साल की बात

Friday 13 July 2012

 नए साल की बात 

नए साल की बात करें
गए साल को माफ करें
अब न रहें कोई झगड़े
दूध पियें और हों तगड़े
कमरे का सारा कचरा
आओ मिल कर साफ करें
खुली धूप से मन निखरें
दोस्त बनें हम, ना बिखरें
जो कुछ अच्छा कर पाए
आओ मिल कर याद करें

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