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खिड़की पर गमले

Friday 13 July 2012

खिड़की पर गमले



 
1
सूरज निकला फूल खिले
पत्तों के संग गले मिले
खिल खिल हँसते
मिल मिल हँसते
हँसते हँसते पूछा करते,
"पीली पीली धूप उड़ाते
सूरज दादा कहां चले?"

सूरज गुमसुम देखा करता
कभी किसी से कुछ ना कहता
धूप उड़ाता
खुशी लुटाता
अपने पथ पर बढ़ता रहता
खिड़की पर सज जाते गमले
हौले से मुसकाते गमले

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