होली का हंगामा है ! सबको रंग लगाना है!कहाँ बाल्टी बढ़िया है कहाँ रंग की पुड़िया है कहाँ रखे हैं लाल अबीर आया है या नहीं कबीर? पिचकारी भर लाना है! होली संग मनाना है! चलो चलो कपड़े बदलो दूध पियो गुझिया खा लो गुब्बारों की पेटी लो सब अपनों के गले मिलो मौसम बड़ा सुहाना है! रंग रंग हो जाना है! |
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होली आई! होली आई!
| होली आई होली आई पिचकारी के सपने लाईभूल भाल कर सारे वैर फगवा खेलें सब मिल भाई धरती दुल्हन सी लगती है अबीर ने ली है अंगड़ाई होली आई होली आई पिचकारी के सपने लाई गुल्ले खाओ गुझिया खाओ मिल कर खाओ खूब मिठाई चौटाल गाओ फगवा गाओ पिचकारी ने धूम मचाई होली आई होली आई पिचकारी के सपने लाई |
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होली का हंगामा
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