सर्दी का सूरज
| सुबह सुबह आ जाता सूरज दंगा नहीं मचाता सूरज1 ना आँधी ना धूल पसीना सरदी में मनभाता सूरज 1 छतरी लगा बाग में बैठो पिकनिक रोज़ मनाता सूरज1 बर्गर हो या पिज़ा पेस्ट्री सबके मज़े बढ़ाता सूरज1 नरम दूब पर छाया रहता यहाँ वहाँ इतराता सूरज1 दिन भर मेरे साथ खेलता शाम ढले घर जाता सूरज |
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