क्रिकेट | क्रिकेट का जब चढ़ा बुखार मन में आया एक विचार। क्यों न मैं एक टीम बनाऊँ पहला ही कप जीत के लाऊँ। मैं बोला कप्तान बनूँगा बैंटिंग पहले मैं ही लूँगा। मेरे हाथ में बैट जो आया कपिल देव को मज़ा चखाया। आखिरी गेंद कपिल ने फेंकी मैंने छक्के की कोशिश की। क्रीज़ छोड़कर मैंने मारा डर गया कपिल बेचारा। गेंद लगी खिड़की से जाकर शीशा चूर हुआ टकराकर। लेकर डण्डा मम्मी आई सबसे छुप कर जान बचाई। पड़ गए डण्डे मुझ पर चार उतर गया क्रिकेट का बुखार।। |
My Web page
क्रिकेट
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
0 comments:
Post a Comment